रविवार, 17 अगस्त 2025
नवमी तिथि प्रारंभ: 16 अगस्त 2025 को रात्रि 09:35 बजे
नवमी तिथि समाप्त: 17 अगस्त 2025 को सायं 07:24 बजे
यह भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन गोगादेव की पूजा की जाती है। जिसे गूगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गोगादेव साँपों से जीवन की रक्षा करते है। इसमें नाग देवता की भी पूजा की जाती है। गोगा नवमी के दिन जाहरवीर गोगा जी की पूजा करने से गोगा जी महाराज सर्प के काटने से हमारी रक्षा करते हैं। इस दिन गोगा जहार वीर की पूजा के साथ-साथ नाग देवता की पूजा भी की जाती है। यह त्योहार अगस्त व सिम्बर के महीने में आता है।
जाहरवीर गोगा जी उत्तरी भारत में लोकप्रिय देवता है, जिनकी पूजा उत्तर प्रदेश, हिमाचाल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में पूरी भक्ति के साथ की जाती है। राजस्थान में गोगा नवमी पर भव्य मेले आयोजित किए जाते हैं और उत्सव तीन दिनों तक चलता है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में गूगा नवमी मेला सबसे बड़ा और लोकप्रिय है।
नाग पूजा और उपचार:
गोगा जी को विशेष रूप से साँप के काटने और संबंधित बीमारियों से बचाने वाले के रूप में पूजा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सांपों को दिव्य प्राणी माना जाता है, और गोगा जी की सांप के काटने को नियंत्रित करने और ठीक करने की क्षमता स्थानीय परंपराओं में उनके महत्व को मजबूत करती है। भक्त सांप से संबंधित खतरों से बचने के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
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